Uttarakhand glacier burst highlights : At Least 125 missing,7 bodies recovered

Uttarakhand glacier : उत्तराखंड की इस घटना को जिसने ना वह दंग रह गया क्योंकि इससे पहले भी इस प्रकार की बल्कि इससे भी खतरनाक घटना हो चुकी है जिसे कोई भुलाया नहीं जा सकता |
लेकिन एक बार फिर उत्तराखंड में ऐसा हुआ कि जिसने यह खबर सुनी वह दंग रह गए बताया गया है कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने रविवार को समाचार एजेंसी को बताया गया कि उत्तराखंड के चमोली जिले में बहुत ही बड़े पैमाने पर बाढ़ के कारण लगभग 150 से अधिक लोग गायब हो गए हैं |
इसके अलावा यह भी पता चला है कि लगभग 9 से अधिक सब भी मिल चुके हैं जिन्हें देखकर हर कोई दुख जता रहा है ज्यादातर यह बताया जा रहा है कि इस घटना में सबसे अधिक मजदूर थे |
इस राज्य में जो आपदा आई है इस आपदा प्रक्रिया में DIG रिद्धिम अग्रवाल के द्वारा यह कहा गया है कि आपदा के कारण सबसे अधिक प्रभावित मजदूर हुए होंगे क्योंकि बिजली परियोजना के प्रतिनिधियों ने बताया गया है
कि परिजनों के स्थल पर लगभग 150 से अधिक श्रमिकों से संपर्क टूट चुका है जिसके कारण यही अनुमान लगाया जा रहा है कि वह जो मजदूर कार्य कर रहे थे वह प्रभावित हुए हैं इस आपदा के कारण पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून सहित कई जिलों में हाई अलर्ट लगाया गया है।
Issue of access : इस आपदा के कारण मजदूर जो कार्य कर रहे थे वह बहुत ही घायल हो चुके हैं और कुछ लोग तो सुरंगों और गहरे तारों में फंस गए हैं क्योंकि पानी का प्रवाह शुरू में बहुत तेज था इसलिए घटनास्थल से काफी दूर तक शव बरामद किए जा रहे हैं
इस घटना में बहुत लोगों को सोचने और समझने का समय नहीं मिल पाया और पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि कोई भी इसके सामने आया वह बच नहीं पाया जो कोई भी इस पानी की रफ्तार के सामने आया उसे भागने के लिए भी समय नहीं मिल पाया और वह इस पानी की चपेट में आ गया यह आपदा सचमुच बहुत ही भयंकर थी |
बताया जा रहा है कि बहुत टीम काम कर रही है जो कि मजदूरों का पता लगा रही है कुछ कुछ सब मिल चुके हैं लेकिन सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह है कि कुछ लोगों का यह भरोसा नहीं था कि यह बच पाएंगे फिर भी वह मजदूर सही सलामत बच रहे हैं तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भले ही कोई भी व्यक्ति इस पानी की चपेट में आया हूं वह भी अब तक जिंदा हो सकता है बहुत लोग सुरंगों में फंसे हुए हैं और उन्हें निकाला जा रहा है |
Compensation for kin of deceased : उत्तराखंड की घटना के अंतर्गत जिन व्यक्तियों के साथ बहुत बड़ी घटना हुई है उन लोगों के लिए बहुत ही बड़ा प्रावधान किया गया है
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बाढ़ में मरने वालों के परिवारों के लिए वित्तीय सहायता के रूप में ₹400000 नगद देने की घोषणा की है इस राशि के द्वारा कम से कम उन परिवार वालों का थोड़ा दुख कम किया जा सकता है लेकिन इस आपदा के कारण जिन लोगों की जान गई है उन्हें तो वापस लाया नहीं जा सकता लेकिन इस घटना के लिए पूरे देश भर से बहुत ही दुख जताया जा रहा है |
Uttarakhand glacier burst Live
: इस उत्तराखंड की आपदा के कारण बताया जा रहा है कि लगभग 150 से अधिक लोगों का संपर्क टूट चुका है अर्थात बताया जा रहा है कि इस आपदा के कारण लगभग 150 से अधिक लोग गायब हो चुके हैं लेकिन कुछ लोगों के सब भी मिल चुके हैं
जिनकी संख्या 9 से अधिक बताई जा रही है और अब तक बहुत टीम काम कर रही है जो कि इस आपदा में फंसे लोगों को बचाया जा रहा है और कुछ लोग सुरंगों में फंसे हुए हैं उन्हें भी बचाया जा रहा है जिन लोगों का भरोसा नहीं था कि वे लोग बच जाएंगे लेकिन वे लोग भी इस आपदा से बच गए हैं |
और जहां पर सुरंग उपस्थित हैं वहां से भी बहुत लोगों को बचा लिया गया है और आशा की जा रही है कि जो भी लोग इस आपदा के अंतर्गत फंसे हुए हैं उन्हें जल्द से जल्द बचाया जाएगा |
Uttarakhand Rescue Update :- ITBP के द्वारा इस आपदा के कारण लगभग 16 से अधिक मजदूर फंस गए थे जिन्हें सही सुरक्षित बचा लिया गया है और यह सबसे बड़ी जीत है कि वहां पर फंसे सभी लोगों को सही और सुरक्षित रूप से बचा लिया गया है और चारों तरफ निगरानी रखी जा रही है कि कहीं ना कहीं लोगों की छानबीन की जा रही है और कुछ लोग जून का पता नहीं चला है उन्हें ढूंढा जा रहा है |
Brave #Himveers of ITBP rescuing trapped persons from the tunnel near Tapovan, #Dhauliganga, #Uttarakhand this evening after 4 hrs of efforts. Total 12 persons were rescued from the tunnel out of which 3 were found unconscious. After first aid, carried on stretchers to road head. pic.twitter.com/iHsrFXjhDd
— ITBP (@ITBP_official) February 7, 2021
ITBP के महानिदेशक एसएस देसवाल ने कहा कि राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड की तपोवन क्षेत्र में नौ शव बरामद किए गए हैं।और इस घटना को लेकर चारों तरफ दुख का माहौल बन गया है जिस कारण से पूरे देश भर से दुख जताया जा रहा है |
जब किसी व्यक्ति ने यह सुना कि उत्तराखंड में इस प्रकार सेपुल बह गया तू हर कोई दंग रह गया इस घटना ने पूरे देश भर में एक अलग ही लोगों के अंदर डर सा पैदा कर दिया है क्योंकि यह घटना पहली बार नहीं हुई है इससे पहले भी एक बार प्रकृति का बनकर प्रकोप देखने को मिला था जिसे भुलाया नहीं जा सकता
जोशीमठ क्षेत्र से आगे मलारी के पास एक सीमा सड़क संगठन पुल बाढ़ से बह गया है। महानिदेशक बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द बहाल करने का निर्देश दिया है। आवश्यक दुकानों और कर्मियों को स्थान पर ले जाया जा रहा है।
बचाव अपडेट: बताया जा रहा है कि चारों तरफ लोगों के बचाव के लिए बहुत ही में काम कर रही है जो कि वहां स्थित फंसे लोगों को बचाया जा रहा है सरकार की तरफ से लगातार मदद की जा रही है |
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि तपोवन बांध में फंसे 16 लोगों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया है।
ITBP का कहना है कि उसके कर्मी तपोवन सुरंग को खोद रहे हैं जो बाढ़ के कारण मलबे के कारण अवरुद्ध हो गई है। कई लोगों को सुरंग के अंदर फंसे होने की आशंका है।
बद्री विशाल की जय !
नंदा देवी की जय ! #Himveers of ITBP chanting after rescuing 12 men safely from a tunnel near Tapovan, Joshimath after a devastating flood hit the area.#Dhauliganga #Uttarakhand pic.twitter.com/CdBgByVuFK— ITBP (@ITBP_official) February 7, 2021
लगभग 100 लोग लापता: उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि वर्तमान में लगभग 50-100 लोग लापता हैं, दो शव बरामद किए गए हैं और बाढ़ में घायल हुए कुछ लोगों को भी बचाया गया है।
डीजीपी कुमार ने कहा कि पावर प्रोजेक्ट बह गया: तपोवन-रेनी में पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से बह गया।
स्थिति सामान्य करना: जल प्रवाह नियंत्रित होने के साथ स्थिति सामान्य हो रही है। रेशी बांध टूटने से पानी खत्म हो गया। आईटीबीपी के अधिकारियों ने कहा कि आईटीबीपी की टीमें मौके पर हैं।
अलकनंदा का जल स्तर: उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि अलकनंदा का जल स्तर सामान्य से 1 मीटर ऊपर है, लेकिन प्रवाह धीरे-धीरे कम हो रहा है।
बहुत लोगों की बहने की आशंका बताई जा रही थी और वह बात सच निकली लेकिन बहुत लोगों को बचा लिया गया है और बहुत लोगों को बचाया नहीं गया है लेकिन पूरी उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के कारण जिन लोगों के साथ जो कुछ हुआ है सरकार उनकी पूर्ण रूप से मदद करने के लिए तैयार है
नंदप्रयाग में अलकनंदा नदी में पानी का प्रवाह सामान्य हो गया है। नदी का जल स्तर अब सामान्य से 1 मीटर ऊपर है, लेकिन प्रवाह कम हो रहा है। मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी और मेरी सभी टीमें आपदा नियंत्रण की स्थिति की निगरानी कर रही हैं। कमरा, ”रावत ने कहा।
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